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वक़्त के बहाने अनुभव की बातें

वक़्त के बहाने अनुभव की बातें


एक वक़्त रहा जब हमें इस बात पर यकीन था कि इश्क आदि हमारे जैसे लड़कों के लिए नहीं बना है। हम दिन भर दोस्तों के बीच मौज में झूमते रहते थे.

दिन का आधा वक़्त इशकबाजों का मज़ा लेने में निकाल देते थे। फ्रेंड सर्किल में जो लड़के मोहब्बत की बातें करते उन्हें बहिष्कृत मान लिया जाता, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार प्राचीन भारत में अछूत समाज से बहिष्कृत रहा करते थे।

जिंदगी बहुत मौज में बीत रही थी...

फ़िर वो वक़्त भी बीत गया। उम्र ने उस पड़ाव पर लाकर खड़ा कर दिया जहां मैंने खुद के आस पास बहुत से लोगों को देखा। जो ललक भरी नज़रों से मेरी तरफ देखते थे।

उन्होंने मुझसे आशाएं पाल रखी थीं। मेरा परिवार, मेरे दोस्त, मेरा समाज मुझसे कुछ चाहने लगा था।

बड़ा अजीब वक़्त रहा है। जिस करियर को हम अवसर के रूप में देखते आए थे वो अब आवश्यकता बन चुका था।

इसी आवश्यकता कि तलाश ने शहर शहर भटकना शुरू कर दिया।

सारे दोस्त पीछे छूट गए , साथ में समय भी छूट गया। जो केवल अपना होता था।

कभी वक़्त को ख़ुद के मुताबिक़ बदलने वाले हम वक़्त के मुताबिक़ खुद को बदलने लगे।

ऐसा नहीं था कि नए लोग मिले ही नहीं ! बहुत मिले , लेकिन मेरे जैसे नहीं मिले ! उन लोगों के जैसे भी नहीं मिले.. जिनमें हमें अपना अक्स दिखता था।

ऐ मुश्किल वक़्त था. लेकिन इंसान की एक लाजवाब खूबी होती है, वो हर परिस्थितियों में खुद को ढालने की कोशिश करता हैं। यह सार्वभौमिक सिद्धांत है। अगर ऐसा नहीं होता तो डायनासोर कि तरह मनुष्य का अस्तित्व भी समाप्त हो गया होता।

जब घोर अकेलेपन में था तब पहली बार हमें इश्क हुआ. किताबों से!

यह पहली इश्क़ की चक्कलश थीं।

फ़िर ऐसा वक़्त आया जब सहारे की जरूरत थी। कुछ लोग थे जिन्होंने बिना मोल भाव किए अपने कंधे पर मेरे सर को सहारा दिया। उन्होने ही मुझे बनाया है। आज मैं किसी भी काम के लिए मोल भाव नहीं करता हूं।

जब दिल में काफ़ी कुछ अच्छा - बुरा भर जाता है तब जरूरत पड़ती हैं किसी के सामने जाकर बस उधेल दे !
खूब रोए या फ़िर ख़ूब हस को ख़ुद के मन को हल्का कर ले। यह काम हर किसी के सामने नहीं किया जा सकता हैं।

लेकिन ऐसा व्यक्ति जल्दी मिलता नहीं जो इस काबिल हो कि चुपचाप आपको सुनें! आपको संभालने के लिए दो पल के लिए गले लगा लें या फिर सर से झड़ते बालों के बीच उंगलियां फेर कर कहे " इतना सोचते क्यों हो "

जब उसकी उंगलियों में दो - चार टूटे बाल निकल आए तो कहने लगे , ऐसा ही होता रहा तो जल्दी ही टकले बन जाओगे...

फ़िर आदमी सब कुछ भूल जाता है ,और उस व्यक्ति से इश्क होता है।


                                          जारी .......
                                           🖋️ रश्की

                                                 
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