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Showing posts from April, 2019

आपका नम्बर

कभी कभी जब मैं कुछ नहीं करता हूं तो अपने आप को याद करने लगता हुँ। इस भागदौड़ में जीवन के एक भी पहलू पर ठीक से नजर फिराने का मौका मिलना भी दूभर हैं। खुद पर नजर दौड़ाते हुआ हुए अनेक ब्रेकर मिलते है जब हमें रुकना पड़ता हैं। तुम्हारी यादें यू तो पूरी जिंदगी में साथ साथ जुड़ी हैं, लेकिन यह जो ब्रेकर हैं किसी विशेष खास घटना को खुद से थामे बैठे हैं। ये अतीत के साथ घुल मिल चुके हैं। जब भी मैं ज्यादा दुखी होता हूँ तो वह मुझें ख़ुशी का अहसास कराते हैं, जब मैं ख़ुश होता हुँ तब यह उस खूबसूरत गुलाब के ठीक नीचे नुकीले काट की तरह मुझें कष्ट पहुचने को तैयार रहते हैं। कुछ दिनों तक मैं क्रमागत रूप से सुख दुख का अनुभव करता रहा, पर इन दिनों जब महीनें छह महीनों पर खुद को देखता हु तो केवल दुख होता हैं। अपार पीड़ा होती हैं उन फैसलों पर जिसे मैंने साझा हितों को ध्यान में रखते हुए दीर्द्ध कालीन लाभ की दृष्टि से लिया हैं.... मुझे पीड़ा देते हैं मैं इस पीड़ा से डरने लगा तो खुद को देखना छोड़ दिया। भगवान कृष्ण की फिलॉसफी को ध्यान में रखते हुए अब केवल आज के लिए जी रहा हूँ।       अब कभी खुद से मायूस होता हूं तो खुद के

आपकी यादों की आग में

यादों की आग में... आपका यू शरमाना हमें भा जाता हैं .....न जाने कितनी सुधा चंदर की याद में अपने सुध को खो देती होंगी। लेकिन मैं तो आपकी झुकी हुई पलकों के आग़ोश में खुद को खो देना चाहता हूं.. इस कदर में गुम हो जाना चाहता हूँ , आपके इन जादुई लब्जों में की ये जालिम दुनिया वाले मुझें खोज न सके            आपको पाने की कोशिश करना किसी आशिक की भूल होगी , दूर से आपके चेहरे की कशिश को देखने के बाद जो जादू होशो हवास पर छा जाता है मैं उसी में रहना चाहूंगा। मुझें भूख प्यास का कभी अहसास नही होगा। क्योंकि आपको पाने की भूख से बड़ी भूख और क्या हो सकती हैं ? वो प्यास जो कभी मिटती नहीं हैं मेरे नजरों की प्यास हैं,जो हमेशा तरसती रहती हैं आपको देखने के लिए           मुझें आपकी यादों को सीने में लिए तड़पने में जो सुख मिलता हैं , वह सुख कौन पा सकता हैं? आपकी दगाबाजी और बेवफ़ाई के ज्वर ने जब मुझें जलाया तो पता हैं... बिखरी हुई हर काली राख में वही नूर झलक रहा था जो आपके चेहरे पर झलकता हैं।      लोग अक्सर पूछते हैं कि तुम ख़ुद के नाम के साथ " रश्की " क्यो लगाते हो....इसका कोई वाजिब जवाब नहीं था मेरे पा