🎤📝 - राहुल पाण्डेय रश्की आज बाईस सितम्बर है.सुबह उठा तो कैलेंडर बता रहा था कि विश्व "अन्तर्राष्ट्रीय बेटी दिवस " के रूप में यादगार दिन मना रहा है. अब बेटी शब्द सुनते ही मन अजीब स्थिति में पहुंच गया. इंस्टाग्राम खोला तो बड़ी बड़ी हस्तियों जैसे प्रियंका गांधी, स्मृति ईरानी, शिखर धवन, निर्मला सीतारमण आदि ने बेटी दिवस को सेलिब्रेट किया है.अपनी अपनी बेटियों के फोटो को बकायद पोस्ट किया है. कुछ ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे की अपील कि है.दूसरी तरफ कुछ ने वर्तमान सरकार में बेटियों पर बढ़ते अत्याचार के कारण अपना गुस्सा दिखाया. मैं भी इन्हीं द्वंद में जूझता रहा तभी मुन्नव्वर राणा का मशहूर शेर याद आता है. ये चिड़िया भी मेरी बेटी से कितनी मिलती जुलती है कहीं भी शाख़-ए - गुल देखे तो झूला डाल देती है आज हिन्दुस्तान कि बात करें तो बेटियों के किस्से मशहूर हो चले है. दो साल पहले प्रसिद्ध विश्वविद्यालय बीएचयू में राष्ट्रपति मुखर्जी ने व्यंगात्मक लहजे में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमारी बेटियां इसी तरह स
" रश्की नामा " ब्लॉग के एक एकमात्र और नियमित लेखक राहुल कुमार पाण्डेय " रश्की " हैं। आप हिंदी साहित्य , राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के गंभीर अध्येता हैं। समसामयिकी विषयों पर चिंतन और लेखन को लेकर सक्रिय रहते हैं। इस ब्लॉग पर व्यक्त विचार नितांत व्यक्तिगत हैं। उपलब्ध सामग्री राहुल पाण्डेय रश्की के स्वामित्व अधीन हैं। प्रकाशन हेतू अनुमती आवश्यक है। ब्लॉग से जुड़े समस्त कानूनी मामलों का क्षेत्र इलाहाबाद होगा।