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Showing posts from March, 2019

अफ़साने मेरे प्यार के ...

हजारों कहानियां लिखी जाएंगी मेरे आफताब के  फ़सानो मैंने इश्क़ दिल से नहीं उसके रूह से किया हैं....वर्षों बीत जाएंगे जमाने को यह बात दोहराने में की इश्क में रस्मों रिवाज का कोई पैग़ाम नहीं मिलता हैं .....कहीं कोने में सुबक कर खुद को बहला लूंगा में मग़र इस इश्क के रमजान में ईदी नही मांगूंगा          -   रश्की